मेरे तो गिरधर गोपाल – मीरा बाई का प्रसिद्ध भजन | Mere To Giridhar Gopal Lyrics | Meera Bai Bhajan

 मेरे तो गिरधर गोपाल, दूसरो न कोई ।  
जाके सिर मोर मुकुट, मेरो पति सोई ॥  
गाल गुलाल लाल, मुख चंदन की सुगंध।  
नैनन नेह निरंतर, बसत श्याम सुंदर बंद ॥  
सुन री सखी मेरे, पायो मैं तो हरि नाम।  
जनम जनम की तपस्या, फल पाया आज आम ॥  
मीरा के प्रभु गिरधर नागर, सहज मिलन रच्यो।  
तन मन धन सब अर्पण कीन्हो, हरि चरणन में रख्यो ॥  
मेरे तो गिरधर गोपाल, दूसरो न कोई ।  
जाके सिर मोर मुकुट, मे
रो पति सोई ॥

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