श्याम तेरी लीला न्यारी है भजन,
श्याम तेरी लीला न्यारी है, मन मेरा तेरा सखी डोले।
माखन चुराए बंसी बजाए, रास रचाये ज्योति न खोले।
चरणों में तेरे मैं समर्पित, प्रेम की डोरी थामे रहूं।
लाल लाल होठों से राधा बोले, तेरे प्रेम में सब पागल रहूं।
श्याम तेरी लीला न्यारी है, वृन्दावन की हर इक बात।
गोपियों के संग नाच उठे, रात्रि जगे, दिन भी रात।
गोपाला हे मुरलीधर मेरे, सब दुःख तेरा नाम मिटा दे।
दरबारी तेरे सखियों संग, हर दिल में इश्क़ जगा दे।
राधा कृष्ण भजन
मेरे गिरधर गोपाल सुन लो, करुणा की जोती जगा दो।
भक्ति की धूप चढा दूँ तेरे, जीवन मेरा चरणों पे लगा दूँ।
श्याम तेरी लीला न्यारी है, हर कण में तेरा रूप है।
जहाँ भी देखूँ, तेरी छवि, तेरी ही आज्ञा, तेरी ही धूप है।
राधा-रानी की छवि न्यारी, तेरे प्रेम का संसार है।
जीवन में तेरी एक झलक मिले, तो फिर क्या और विचार है।
श्याम तेरी लीला न्यारी है, मेरा मन बारम्बार तुझे पुकारे।
तेरे नाम का जाप करूँ मैं, तेरे चरणों में जीवन सारा वारें।
(दोहराएँ)
श्याम तेरी लीला न्यारी है, मन मेरा तेरा सखी डोले।
माखन चुराए बंसी बजाए, रास रचाये ज्योति न खोले।
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कृष्णा भजन