श्रीरामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भव भय दारुणम् भजन रस

 श्रीरामचन्द्र कृपालु भजु मन  
हरण भव भय दारुणम् ॥  
नवकंज लोचन कंज मुख  
कर कंज पद कंजारुणम्
॥  

💞 कन्दर्प अगणित अमित छवि  
नवनील-नीरद सुन्दरम् ॥  
पट पीत मानहुँ तड़ित रुचि  
शुचि नोमि जनक सुतावरम् ॥  

 🥰 भजु दीनबन्धु दिनेश दानव  
दैत्यवंश निकन्दनम् ॥  
रघुनन्द आनन्द कन्द  
कोशल चन्द दशरथ नन्दनम् ॥

Post a Comment

Previous Post Next Post